कोरोना महामारी के दौरान कई महीने तक बच्चे स्कूल से दूर रहे। लंबे समय बाद स्कूल पहुंचने पर बच्चों के व्यवहार में खासा परिवर्तन दिखाई दे रहा है।वैश्विक महामारी के दौरान ऑनलाइन कक्षाएं चलने के कारण अधिकतर बच्चे मोबाइल के आदी हो गए हैं। अब घर में मोबाइल नहीं मिलने और स्कूल में ऑफलाइन पढ़ाई शुरू होने से कई बच्चों में चिड़चिड़ापन हो गया है। छोटे बच्चों का पढ़ाई में कम और खेलकूद में ज्यादा मन लगता है।शिक्षाविदों का मत है कि दो साल तक बच्चे ज्यादातर समय घर में रहे। उनका नाता स्कूलों से टूटा रहा। अब वह कक्षाओं में पहुंचे हैं तो उनका मन नहीं लग रहा है। छोटे बच्चे स्कूल तो आ रहे हैं लेकिन कई घंटे बैठकर पढ़ाई करना नहीं चाहते हैं। वहीं बड़ी कक्षाओं के बच्चे तो स्कूल खुलने के बाद पठन-पाठन को लेकर गंभीर हो गए हैं और पुराने माहौल में घुलने-मिलने लगे हैं। छोटी कक्षाओं के बच्चे अभी पढ़ाई के लिए इतने गंभीर नहीं हुए हैं।ऑनलाइन पढ़ाई के चलते बच्चों में अब ऑफलाइन के प्रति उदासीनता आ गई है। ऑफलाइन के प्रति जागरूकता का अभाव दिखाई दे रहा है। इस नए सत्र में छात्रों के साथ आत्मसात होकर उनकी कमियों को दूर करते हुए पठन-पाठन को और अधिक प्रभावशाली बनाया जाएगा।