सुप्रीम कोर्ट ने बाघों और वन्यजीवों के अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों के मुख्य क्षेत्र में किसी भी तरह के निर्माणकार्य पर रोक लगा दी है।
SC का कहना है कि, इन जगहों पर चिड़ियाघर या सफारी बनाने का कोई औचित्य नहीं है। इसे बढ़ावा नहीं दिया जा सकता है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध निर्माण और बफर क्षेत्र में टाइगर सफारी स्थापित करने से जुड़े मामले में सुनवाई कर रही थी।
पीठ ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को नोटिस भी जारी किया है। आखिर राष्ट्रीय उद्यानों में सफारी बनाने की क्या जरूरत है। साथ ही 15 फरवरी तक जवाब मांगा है। पीठ गुज्जर सोत, पखरू ब्लॉक, सोनानदी रेंज, कालागढ़ डिवीजन, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में टाइगर सफारी बनाने को लेकर पेड़ों की अवैध कटाई से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई की।