एक्ट्रेस तापसी पन्नू ने कहा कि साउथ
इंडियन फिल्में हमेशा की तरह ही अच्छी और बुरी हैं बल्कि अंतर ये है कि हिंदी
ऑडिएंस अब साउथ या बाकी सिनेमा के लिए जागी है। इसलिए क्योंकि दर्शक दुनिया है
इसलिए वो अब एसएस राजामौली की फिल्मों का अनुभव कर रहे हैं। भारत हमेशा से जानता
था कि राजामौली आरआरआर बनाने में सक्षम हैं।
तापसी ने हाल ही में अपनी आने वाली
फिल्म दोबारा की बीएफआई स्क्रीनिंग में भाग लिया। इस दौरान निर्देशक अनुराग कश्यप
और सह-कलाकार पावेल गुलाटी भी मौजूद थे। उनसे साउथ इंडियन सिनेमा के उदय के बारे
में पूछा गया था, जिस पर तापसी ने कहा कि सबसे बढ़कर अभिनेताओं के लिए परिदृश्य
बदल गया है। कई मायनों में अब लोगों के लिए नार्थ की फिल्मों तक पहुंचने में उतनी
दिक्कतें नहीं होंगी, जितनी एक दशक पहले मुझे हुईं थीं।
उन्होंने कहा,
"इस तरह की फिल्में तब भी बनती थीं लेकिन शायद बजट राजामौली की
बाहुबली और आरआरआर जितना अधिक नहीं था। लेकिन उस समय 'क्षेत्रीय'
मानी जाने वाली फिल्में भी उतनी ही अच्छी थीं। 10 साल पहले भी ये हो रहा था, जब मैंने शुरुआत की थी और
ये सिर्फ इतना है कि इस क्रॉसओवर के कारण हिंदी दर्शक अब इसे देख रहे हैं। इसका बहुत
सारा श्रेय ओटीटी की दुनिया को जाता है..."