सर्दियों में बेहद कम बारिश-बर्फबारी के कारण गर्मी से पहले ही प्रदेश में जल संकट गहरा सकता है। पहाड़ों पर समय से पहले जल संकट की नौबत आ गई है। इसे देखते हुए जल संस्थान ने प्रदेश के सभी डिवीजनों को उनके क्षेत्रों के संभावित संकटग्रस्त क्षेत्रों का ब्योरा और जल संकट से निपटने के इंतजामों का प्लान मांगा है। जल संकट से निपटने के इंतजामों की तैयारी मार्च से शुरू होती थी। 15 मई से 15 जून का समय पेयजल सप्लाई के लिहाज से संवेदनशील होता था।
लेकिन इस साल बारिश की बेरुखी के चलते पेयजल स्रोत आधारित योजनाओं में पानी कम होने की आशंका पैदा हो गई है। संकट को देखते हुए सीजीएम जल संस्थान की ओर से सभी डिवीजनों को किन क्षेत्रों में टैंकर से पानी बांट कर काम चल सकता है, उनको चिह्नित करने को कहा गया है। पहाड़ों में यदि खच्चरों से पानी बांटना होगा, तो उसके लिए भी योजना बनाने को कहा है।