रुद्रप्रयाग: रंगकर्मी, मूर्तिकार व साहित्यकार प्रेम मोहन डोभाल की पुस्तक स्हॅंगो गढ़वाली व्याकरण का विमोचन किया गया। इसमें गढ़वाली अक्षर व शब्दों के शुद्ध उच्चारण के साथ ही लेखन व वाचन के बारे में जानकारी दी गई है। यह पुस्तक अमेजन पर खरीदी जा सकती है। वेदाचार्य उपाध्यक्ष ने कहा कि व्याकरण भाषा को अनुशासित करने का काम करती है। उन्होंने हिंदी, संस्कृत और गढ़वाली में व्याकरण के महत्व के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। पुस्तक के लेखक प्रेम मोहन डोभाल ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से गढ़वाली व्याकरण लेखन पर काम कर रहे थे। इस कार्य के लिए उन्होंने कई लोगों से विचार-विमर्श करते हुए पुस्तक को अंतिम रूप दिया। उन्होंने अपनी भावी योजनाओं के बारे में बताया कि वह आठ गढ़वाली नाटक लिख रहे हैं, जिनका जल्द प्रकाशन किया जाएगा।