उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से उत्तराखंड में भूस्खलन प्रबंधन एवं जोखिम न्यूनीकरण विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला देहरादून में आयोजित की गई. भूस्खलन के प्रभाव और बचाव पर विस्तार से जानकारी दी गई. इसके बाद भूस्खलन जोखिम शमन योजना के तहत लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, यूएलएमएमसी, टीएचडीसी और उत्तराखंड आपदा प्रबंधन के अधिकारी मसूरी पहुंचे.
भू वैज्ञानिक दीपाली सिंगल राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दिल्ली के नेतृत्व में मसूरी कैम्पटी क्षेत्र के चडौगी बाईपास और मसूरी के गलोगी पावर हाउस के पास भूस्खलन ट्रीटमेंट क्षेत्र का निरीक्षण किया गया. इस मौके पर विभिन्न विभागों के जेई और ऐई को भूस्खलन के बाद नई तकनीकों से किये जा रहे ट्रीटमेंट की जानकारी दी गई. दीपाली सिंगल भूवैज्ञानिक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दिल्ली ने कहा कि उत्तराखंड में भूस्खलन का प्रभाव बना रहता है. इसे पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता है, लेकिन कम जरूर किया जा सकता है. इसी को लेकर कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की जा रही है.