महाकुंभ 2021 में धर्मनगरी आने वाले श्रद्धालुओं की कोविड जांच में हुए फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसआईटी की टीम ने पहली गिरफ्तारी की है। पकड़े गए आरोपी आशीष वशिष्ठ ने बताया कि उसकी लैब आईसीएमआर में पंजीकृत नहीं थी। लिहाजा मैक्स कॉरपोरेट सर्विस के पार्टनर शरत और मल्लिका पंत ने उसका करार नवला लैब से कराया था। इसके बाद श्रद्धालुओं की जांच करने के लिए उसने भिवानी, हरियाणा और हरिद्वार के जगजीतपुर की एक संस्था से कोरोना जांच के लिए कर्मचारी रखे थे।
एसआईटी की जांच में सामने आया था कि मैक्स कॉरपोरेट फर्म के पार्टनर शरत और उसकी पत्नी मल्लिका पंत ने कुंभ मेला अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) को गुमराह करते हुए एक एमओयू नलवा लैब हिसार व डॉक्टर लाल चंदानी लैब दिल्ली के साथ दिखाते हुए श्रद्धालुओं की कोरोना जांच का ठेका लिया था। इसके बाद पति-पत्नी ने अपने एक परिचित की मदद से भिवानी, हरियाणा स्थित डेलफिया लैब के आशीष वशिष्ठ को भी इसमें शामिल कर लिया।