चीन सीमा से लगी दारमा घाटी तक अभी मार्ग पूरी तरह नहीं खुला है। छिरकिला के पास ट्रांसमेनशिप के जरिए आवाजाही हो रही है। इसके बावजूद भी पंचाचूली ग्लेशियर बेस कैंप तक पर्यटक पहुंचने लगे हैं। व्यास घाटी में तीन सौ से अधिक पर्यटक पहुंच चुके हैं। केरल राजवंश के युवराज और भोपाल मध्य प्रदेश की विधायक आदि कैलास के दर्शनों से अभिभूत हैं। चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट - सोबला-तिदांग मार्ग विगत चार माह से बंद है। वर्तमान में मार्ग तवाघाट से छह किमी छिरकिला बांध स्थल तक खुल चुका है। कंच्योती में अभी पुल नही बना है परंतु वाहनों को पास करने के लिए नाले के पाट चौड़े कर दिए गए हैं। छिरकिला में ट्रासंमेनशिप चल रहा है। इसकी भनक लगते ही पंचाचूली ग्लेशियर बेस कैंप और लद्दाख की तरह नजर आने वाले दारमा घाटी तक पर्यटक पहुंचने लगे हैं। पर्यटकों की आवाजाही के साथ ही होम स्टे और पर्यटन से जुड़े लोगों के चेहरे खिल चुके हैं। एक सप्ताह बाद मार्ग पूरी तरह खुलने के आसार बन चुके हैं।