मद्रास हाईकोर्ट ने हाथियों के संरक्षण को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि, अब तमिलनाडु में निजी व्यक्ति और धार्मिक संस्थान हाथियों का अधिग्रहण नहीं कर सकते हैं।
कोर्ट ने इसपर पूरी तरह से रोक लगा दी है। कोर्ट ने सरकार, पर्यावरण और वन विभाग को सभी मंदिरों और अन्य निजी स्वामित्व वाले हाथियों का निरीक्षण करने को भी कहा है। कोर्ट ने कहा कि, 'अब यह फैसला लेने का समय आ गया है कि, कैद में रखे गए ऐसे सभी हाथियों मंदिरों और निजी स्वामित्व वाले को सरकारी पुनर्वास शिविरों में स्थानांतरित कर दिया जाए। सरकार, पर्यावरण और वन विभाग के सचिव, मानव संसाधन और सीई के सचिव के साथ समन्वय कर सकते हैं।'
कोर्ट ने 60 साल की हथिनी 'जयमाला' की कस्टडी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा है, कि हथिनी जयमाला को उसके महावत से अलग नहीं किया जा सकता है। इसलिए उसे महावत के अधीन ही रखना चाहिए।
दरअसल पिछले साल सोशल मीडिया पर जयमाला हथिनी का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें कहा गया कि, जयमाला को प्रताड़ित किया जा रहा है। उसे कई बार बुरी तरह से पीटा गया। वीडियो में जयमाला के माथे के पास घाव नजर आ रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने इसका विरोध शुरू हो गया था।