जिले में राशन कार्डों को ऑनलाइन करवाने की समस्या लंबे समय बाद भी दूर नहीं हो पा रही है। करीब आठ हजार से अधिक राशन कार्ड ऐसे हैं, जो लंबे समय बाद भी ऑनलाइन नहीं हो पाए हैं। राशन कार्ड ऑनलाइन न होने के कारण इन उपभोक्ताओं को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा, प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।टिहरी जिले में एक लाख 42 हजार 522 राशन कार्ड ऑनलाइन हैं, लेकिन भिलंगना, जाखणीधार, प्रतापनगर, जौनपुर, थौलधार, देवप्रयाग, कीर्तिनगर समेत अन्य ब्लॉकों के करीब आठ हजार लोगों के राशन ऑनलाइन नहीं हो पाए हैं। उन्होंने राशन कार्ड ऑनलाइन करवाने के लिए पूर्ति विभाग में जरूरी दस्तावेज लंबे समय पहले जमा करवाए थे, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से जिले को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और अंत्योदय के लिए दिया गया लक्ष्य पूरा होने के कारण वेबसाइट बंद हो चुकी है, जिससे छूटे लोगों के कार्ड ऑनलाइन नहीं हो पा रहे हैं। राशन कार्डों के ऑनलाइन न होने के कारण उपभोक्ताओं को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा, अंत्योदय, प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना में 31 मार्च तक प्रत्येक यूनिट पर तीन-तीन किलो चावल और दो-दो किलो गेहूं निशुल्क मिल रहा है, जबकि खाद्य सुरक्षा से भी प्रति यूनिट पर तीन किलो गेहूं, दो-दो किलो चावल मिलता है। अंत्योदय कार्ड पर 35 किमी राशन हर माह मिलता है। ऐसे में राशन कार्ड ऑनलाइन न होने के कारण वंचित उपभोक्ताओं के सामने राशन का संकट बना हुआ है। वह महंगे दामों पर बाजार से राशन लाने के लिए मजबूर हैं।