हरिद्वार। कृषि कानूनो के विरोध में चल रहे आंदोलन के बीच भारतीय किसान यूनियन अंबावत तथा अकाली दल के नेता लक्सर में महापंचायत करेंगे और सरकार पर कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए दबाव बनाएंगे । किसान नेताओं ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए यह जानकारी दी।
पत्रकार वार्ता के दौरान भारतीय किसान यूनियन अंबावत के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह सैनी ने बताया कि महापंचायत को राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल अंबावत भी संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगे पूरी करने के बजाए सरकार किसानों पर तरह-तरह के आरोप लगा रही है। किसान जबरदस्ती थोपे गए कानूनों को वापस लेने तथा एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार मांगे मानने के बजाए चंद पूंजीपतियों को खेती किसानी सौंपना चाहती है। इसीलिए किसानों पर जबरदस्ती कानून थोपे जा रहे हैं। महंगाई लगातार बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल, रसोई, गैस दैनिक उपयोग की चीजें लगातार महंगी हो रही है। लेकिन सरकार आम जनता को राहत देने के बजाय पूंजीपतियों के हित पूरे करने में लगी है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों और युवाओं के साथ धोखा कर रही है। 3 साल से गन्ना भुगतान नहीं हुआ है। युवा बेरोजगारी की मार झेल रहा है। किसान व युवा मिलकर इस धोखेबाज सरकार को उखाड़ फेंकेंगे। अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष जगजीत सिंह जग्गा ने कहा किसानों की मांगे पूरी करने के बजाए सरकार किसानों को बदनाम कर रही है। लोकतंत्र में सबको अपनी आवाज उठाने का हक है। आंदोलन कर रहे किसानों को खालिस्तानी, आतंकवादी, पाकिस्तानी बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लाखों किसान आंदोलन में भाग ले रहे हैं। अकाली दल के जिलाध्यक्ष सूबा सिंह ने कहा की किसान केवल अपने लिए नहीं बल्कि सबके लिए लड़ रहा है।
खेती निजी हाथों में जाने से गरीब, मजदूर, मध्यम वर्ग के सामने रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सरकार प्रत्येक वर्ग के साथ धोखा कर रही है। भाकियू अंबावत के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद प्रजापति ने कहा के लोकतंत्र के नाम पर यह सरकार एक धोखा है। भोले-भाले किसानों को लूटा जा रहा है। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए तथा किसान को उसकी उपज का उचित मूल्य दिया जाए।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में महंगाई आसमान पर पहुंच गई है। पेट्रोल, डीजल के अलावा रसोई गैस व दैनिक उपयोग की चीजें महंगी हो गयी हैं। जिससे गरीब मजदूर वर्ग को भारी परशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले।
एमएसपी पर कानून बनाए और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करे। किसानों को उनकी उपज का सही दाम दे। प्रदेश महासचिव फरीद अहमद ने कहा कि परेशानी में किसान सड़कों पर आया है। सरकार कानून वापस लेकर किसानों को राहत दे। पत्रकारवार्ता में राजन सैनी, मुकेश पुण्डीर, मुकेश कांबोज, इंद्रजीत सिंह, रतिराम, गुरचरण सिंह, सुखदेव सिंह, बलवीर सिंह आदि भी शामिल रहे।