पुरोला में प्रस्तावित महापंचायत भले ही टल गई हो, लेकिन अभीतक पुलिस-प्रशासन की चुनौती और टेंशन बरकरार है. यही कारण है कि जिला प्रशासन ने अभी धारा 144 हटाने का फैसला नहीं लिया है. प्रशासन का मानना है कि परिस्थितियों को देखते हुए धारा 144 हटाने का फैसला लिया जाएगा.16 जून को सुबह पुरोला, नौगांव और बड़कोट का बाजार पहले की तरह खुला, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली. माना जा रहा है कि अब इलाके में शांति बनी रहेगी. हालांकि सरकार और पुलिस-प्रशासन को अभी भी इस बात की चिंता है कि हिंदूवादी संगठनों ने महापंयात को रद्द नहीं किया, बल्कि स्थगित किया है. उन्होंने जल्द ही महापंचायत करने का एलान किया था, जिसको लेकर पुलिस-प्रशासन पहले से भी ज्यादा सतर्क है. पुरोला के इतिहास में पहली बार दो समुदायों के बीच इस तरह का तनाव देखने को मिला था, जिसका हो हल्ला पूरे देश में सुनाई दिया.