अल्मोड़ा जिले में मानसून ने दस्तक दे दी है। प्रशासन भी किसी भी आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार होने का दावा कर रहा है। लेकिन ठीक इसके उलट आपदा के समय त्वरित कार्रवाई और प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए स्थापित किये गये जिले के 12 कंट्रोल रूमों में से 6 कंट्रोल रूम के फोन रिसीव ही नहीं हो रहे है।
ऐसे में किसी बड़ी आपदा के समय लोगों को त्वरित सहायता मिलने की उम्मीद कम ही है। दरअसल, आपदा के लिहाज से संवेदनशील जिला और तहसील स्तर पर आपदा कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, लेकिन इनमें व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हैं। जिले के 12 तहसीलों के आपदा के समय त्वरित कार्रवाई के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किये गये है। आपदा के समय लोगों को त्वरित राहत एवं बचाव हो सके।
आपदा के दौरान 22 एंबुलेंस, सड़क मार्ग को खोलने के लिए 70 जेसीबी और बड़ी तादाद में फूड पैकेटों की भी व्यवस्था की गई है। हिन्दुस्तान ने रविवार को आपदा से निपटने की तैयारियों की पड़ताल की तो जिले के विभिन्न तहसीलों में स्थापित 12 कंट्रोल रूम में से छह कंट्रोल रूम के फोन कॉल रिसीव ही नहीं हुई।