देहरादून : उत्तराखंड में गर्मियों की छुट्टियां खत्म होने के बाद कल से 11,375 सरकारी स्कूल खुल रहे हैं। इसमें 2,785 स्कूल भवन जर्जर हैं। बारिश में इन स्कूलों के बच्चों की जान को खतरा बना है। यह हाल तब है, जब पूर्व में जर्जर स्कूल भवनों की वजह से कई हादसे हो चुके हैं।जर्जर बने स्कूलों में सबसे अधिक पौड़ी जिले में 413 और अल्मोड़ा में 382 स्कूल हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बरसात में कुछ स्कूलों की छप टपक रही है, तो कुछ गिरने की स्थिति में हैं। जो स्कूल पूरी तरह से जर्जर हैं, उनमें बच्चों को न बैठाने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग की ओर से 2026 तक सभी जर्जर स्कूलों को ठीक कर लिया जाएगा, इसके लिए प्लान तैयार किया गया है।शिक्षा विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में 1,437 प्राथमिक, 303 जूनियर हाईस्कूल और 1,045 माध्यमिक विद्यालय भवन जर्जर हैं। इसमें बागेश्वर जिले में 94, चमोली में 204, चंपावत में 123, देहरादून में 206, हरिद्वार में 170, नैनीताल में 160, पिथौरागढ़ में 193, रुद्रप्रयाग में 128, टिहरी गढ़वाल में 352, ऊधमसिंह नगर में 175 और उत्तरकाशी जिले में 185 स्कूल भवन जर्जर हाल हैं।