आज देहरादून में कांग्रेस इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने आयोजित प्रेस वार्ता में राज्य के मजदूर संगठनों ने आरोप लगाए की मजदूर एवं गरीब परिवारों पर अत्याचार हो रहे हैं जबकि सरकार को पता है की मलिन बस्ती में रहने के अलावा गरीब परिवारों के लिए कोई भी और विकल्प नहीं है अदालत में जारी याचिकाओं के बहाने सैकड़ो परिवारों को बेघर करा जा रहा है 8 साल में कहीं बस्तियों का सर्वेक्षण कर जन आंदोलन के बाद 2018 में अध्यादेश लाकर सरकार ने कानून में ही आश्वासन दिया था की 3 साल के अंदर मजदूर बस्तियों के लिए स्थाई व्यवस्था बनाया जाएगा लेकिन वह कानून अभी 2024 में खत्म होने जा रहा है लेकिन एक भी बस्ती के लिए व्यवस्था नहीं बनाई गई है लेकिन वह कानून अभी जून 2024 में खत्म होने जा रहा है ,उसी कानून के आधार पर लोगों को झूठा दिलासा दिया जा रहा है जो की 2016 से पहले बसे, उनके घर सुरक्षित है, जबकि जून महीने के बाद उनके घर भी खतरे में आएंगे किसी प्रकार की लापरवाही और जन विरोधी मानसिकता हर मोर्चे पर दिख रहा है।
शहर में वेडिंग जॉन को ना घोषित कर ठेली वालों को अतिक्रमणकरी दिखाया जा रहा है और मजदूर के लिए बनाए गए कल्याणकारी योजनाओं के अमल पर बार-बार रोक लगाया जा रहा है l वही हीरा सिंह बिष्ट कांग्रेस इंटक प्रदेश अध्यक्ष का कहना है उत्तराखंड सरकार 50 से 60 बस्तियों को उजाड़ना चाहती है लाखों लोगों को बेघर करना चाहती है उसके पीछे मानसा केवल नगर निगम चुनाव को लेकर है l वह उनको दबाव मैं लेना चाहती है। लेकिन सरकारी जमीन पर सरकार ने बिजली पानी से लेकर सब सुविधा प्रदान कर दी लेकिन इस प्रकार गरीबों मजदूरों के साथ अत्याचार होगा तो हम निश्चित रूप मैं सड़कों पर उतरेंगे।