देहरादूनः उत्तराखंड वन विभाग की कार्य प्रणाली पर जिस अधिकारी और कर्मचारियों की सूची ने सवाल खड़े कर दिए, अब उस पर विभाग एक्शन मोड में आ गया है. एपीसीसीएफ प्रशासन बीपी गुप्ता ने मामले को लेकर पिथौरागढ़ वन प्रभाग के डीएफओ को पत्र लिखते हुए स्पष्टीकरण मांगा है.दरअसल, गणतंत्र दिवस पर 29 अधिकारी-कर्मचारियों को प्रदेश भर से चयनित करते हुए उनके सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया जाना था. जिसमें एक ऐसे रेंजर का भी नाम शामिल था जिसे अवैध पेड़ कटान के मामले में न केवल निलंबित किया गया, बल्कि आरोप पत्र भी जारी किए गए. यही नहीं, अभी इस रेंजर को क्लीन चिट भी नहीं दी गई है. लेकिन इस सबके बावजूद पिथौरागढ़ वन प्रभाग के डीएफओ जीवन मोहन दगडे द्वारा आरोपी रेंजर का नाम प्रस्ताव के रूप में वन मुख्यालय को भेज दिया गया.
इससे वन विभाग की जमकर किरकिरी हो रही है. हालांकि गणतंत्र दिवस पर इस रेंजर का नाम सम्मानित होने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की सूची से हटा दिया गया था. लेकिन सवाल यह उठ रहे थे कि आखिरकार ऐसे वन विभाग के अधिकारी का नाम डीएफओ ने किस आधार पर भेज दिया.
इस मामले को लेकर पिथौरागढ़ वन प्रभाग के डीएफओ जीवन मोहन को पत्र भेजकर उनसे इस नाम को भेजे जाने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है. भेजे गए पत्र में डीएफओ से पूछा गया है कि जब उक्त वन कर्मी के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई चल रही है, तो ऐसे में रेंजर का नाम किन परिस्थितियों में प्रस्तावित किया गया? इसको स्पष्ट किया जाए.