दिवाली के त्यौहार पर मंदिर से लेकर बाजारों में रौनक है। दिवाली पर सभी मां लक्ष्मी की उपासना करते हैं।
जहां पूरे देश में लक्ष्मी पूजन होता है तो दूसरी तरफ राजस्थान के लक्ष्मी मंदिर में भक्त मां लक्ष्मी को चिट्ठी लिखकर अपनी मनोकामना पूरी करने की अर्जी लगाते हैं। बांसवाड़ा शहर में प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर की मान्यता है कि, ये मंदिर 480 साल पुराना है। यहां चिट्ठी लिखकर मां लक्ष्मी से मन की बात कही जाए तो मां जरूर मन्नत पूरी करती हैं। यही वजह है कि यहां आने वाले श्रद्धालु अपनी मन्नत पूरा कराने के लिए चिट्ठियां चढ़ाते हैं।
यहां माता के दर्शन करने आने वाले दान पत्र में भी चिट्ठियां डालकर जाते हैं। महालक्ष्मी मंदिर में आए श्रद्धालुओं की चिट्ठी रख ली जाती है। श्राद्ध पक्ष की अष्टमी पर मां का जन्मदिवस के अवसर पर या बसंत पंचमी के पावन दिन ये चिट्ठियां खोली जाती हैं। वहीं इन चिट्ठियों को दो से तीन साल ही एकट्ठा करने के बाद विसर्जित कर दिया जाता है।
बताते चलें कि, मंदिर में स्थापित प्रतिमा सफेद मार्बल से बनी है, जो की साढ़े तीन फीट की है। मां लक्ष्मी 16 दल के कमल के आसन पर बैठे हुए रूप में विराजित है।