उत्तराखंड के लोगों को भी केदारनाथ-बदरीनाथ सहित चारधाम दर्शन के लिए पंजीकरण कराना होगा। दर्शनार्थियों की सही संख्या जानने के लिए यह व्यवस्था की गई है। चारधाम दर्शन के लिए इस बार सरकार ने आनलाइन पंजीकरण अनिवार्य किया है। स्थानीय लोग भी इस दायरे में आएंगे। पिछले साल स्थानीय लोगों को पंजीकरण से छूट दी थी।
उनके चारधाम के बेस कैंप पहुंचने पर ही गणना करने के साथ चेकिंग की व्यवस्था थी। मंगलवार से केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पर्यटन विभाग के एक अफसर का कहना है कि स्थानीय लोगों के लिए भी पंजीकरण कराना होगा। यदि स्थानीय लोगों को पंजीकरण से छूट दी गई तो यात्रा के इच्छुक लोगों का सही आंकड़ा सरकार के पास नहीं आ पाएगा।
चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने जताया विरोध: चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड के लोगों के लिए पंजीकरण की शर्त रखा जाना गलत है । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर इस व्यवस्था को खत्म करने की मांग की है। स्थानीय लोग कई बार अपने परिचितों को लेकर भी दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में उन्हें पंजीकरण की शर्त से बाहर रखा जाना चाहिए।