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DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 29 Dec 2022 3:42 pm IST


UPSC क्लियर कर IFS अफसर बना किसान का बेटा,ऑफिस देख गर्व से चौड़ा हुआ पिता का सीना


हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनके बच्चे जीवन में खूब सफल हों और उनका नाम रोशन करें। इसके लिए वे अपने बच्चे को हर कदम पर सपोर्ट भी करते हैं। माता-पिता अपने बच्चे को सभी सुख-सुविधाएं को देने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और जब उनके बच्चे जीवन में कुछ बड़ा हासिल करते हैं, तो उनका सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। ऐसा ही किस्सा है एक IFS अधिकारी का, जिन्होंने अपने माता पिता के संघर्ष को जाया नहीं जाने दिया और यूपीसीसी पास कर उनके सपने को पूरा किया। कहते हैं जब वह पहली बार अपने माता-पिता को अपना ऑफिस दिखाने ले गए तो वे इतने खुश हुए कि उनकी आंखें छलक पड़ी। ये किस्सा है साल 2017-बैच के आईएफएस अधिकारी जगदीश एस. बाकन का, जो वर्तमान में तमिलनाडु के रामनाथपुरम में वन्यजीव वार्डन और डीएफओ हैं।
आईएसएफ अधिकारी बाकन ने ट्विटर पर एक फोटो शेयर करते हुए लिखा, “हालांकि वे (मेरे पिता और माता) स्कूल नहीं जा सके लेकिन  उन्होंने मेरी स्कूली शिक्षा सुनिश्चित की, एक छोटा किसान होने के बाद भी उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि मैं अपने गांव से पहला इंजीनियर, पहला पीएसयू नौकरी वाला और पहला यूपीएससी पास करने वाला बना, वे पहली बार मेरे ऑफिस आए थे।' फोटो में आप देख सकते हैं कि बाकन अपने माता-पिता के साथ ऑफिस में खड़े हैं। फोटो के लिए पोज देते समय वे सभी मुस्कुरा रहे थे, उन्हें अपने बेटे की उपलब्धि पर गर्व है। बाकन की ये फोटो शेयर होते ही वायरल हो गई। फोटो को कई ब्यूरोक्रेट्स ने अपनी सफलता में अपने माता-पिता को नहीं भूलने के लिए बाकन की प्रशंसा किया की शेयर भी किया।
आईएफएस अधिकारी जगदीश एस. बाकन महाराष्ट्र के परभणी जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता किसानी का काम करते हैं और उनकी मां एक हाउसवाइफ हैं। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद बाकन ने मुंबई में इंस्टीट्यूट ऑफ कैमिकल टेक्नोलॉजी (ICT) में इंजीनियरिंग की और अपने गांव के पहले इंजीनियर थे। इसके बाद वे हिंदुस्तान पेट्रोलियम में नौकरी करने लगे क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और उनकी पढ़ाई के लिए पिता ने कर्ज भी लिया था। इस दौरान वे नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी भी करते रहे। उन्होंने सेल्फ स्टडी की। वे पढ़ाई के लिए एक नगर पालिका की सरकारी लाइब्रेरी में जाते थे बस। उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने 2016 में सिविल सेवा परीक्षा को पास कर आईएसएफ अधिकारी का पद हासिल किया।