देहरादून : भवनों और आबादी के बढ़ते दबाव को देखते हुए प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों की धारण क्षमता का अध्ययन मानसून के बाद शुरू हो जाएगा। आपदा प्रबंधन विभाग के उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। अध्ययन के लिए विशेषज्ञ एजेंसियों को सूचीबद्ध किया जाएगा।इसके लिए केंद्र की ओर से जल्द टेंडर आमंत्रित कर दिए जाएंगे। पहले चरण में प्रदेश के 15 शहरों की धारण क्षमता का अध्ययन होगा। इस सूची में मसूरी, नैनीताल, गोपेश्वर, पौड़ी सरीखे घनी आबादी वाले बड़े शहर शामिल हैं। जोशीमठ भू-धंसाव की घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के सभी शहरों की धारण क्षमता का अध्ययन कराने के निर्देश दिए थे।इस कड़ी में यह कार्य आपदा प्रबंधन विभाग को दिया गया है।
पहले चरण में 15 शहरों का होगा अध्ययन
मसूरी, नैनीताल, पौड़ी, कर्णप्रयाग, नई टिहरी, उत्तरकाशी, लैंसडौन, रानीखेत, नैनीताल, कपकोट, धारचूला, चंपावत, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, भवाली।