पाकिस्तान की सरकार जम्मू-कश्मीर के छात्रों को एमबीबीएस, इंजीनियरिंग के पाठयक्रम या अन्य शिक्षण संस्थानों में दाखिला और छात्रवृत्ति अपने भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए देती है।
डाक्टर, इंजीनियर बनने के लिए पाकिस्तान पहुंचने वाले कश्मीरी छात्रों में जिहादी और अलगाववादी मानसिकता को बढ़ावा देकर उन्हें आतंकी और अलगाववादी बनाया जाता है।
पाकिस्तान की इस साजिश का पर्दाफाश जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने किया है।