विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के LAC मुद्दे पर दिए बयान के बाद से सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने जुबानी हमले तेज कर दिए हैं।
इस बार एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर हमला बोला है। उन्होंने जयशंकर के वास्तविक नियंत्रण रेखा पर किए गए दावों को 'धोखा और झांसा' बताया। ओवैसी ने विदेश मंत्री से सवाल भी किया है। ओवैसी ने एस. जयशंकर से पूछा कि क्या, सरकार के पास कुछ भी छुपा नहीं है तो वह संसद में बहस से भाग क्यों रही है?
ओवैसी ने एक और ट्वीट में लिखा कि, सरकार ने लद्दाख में क्षेत्र का नियंत्रण खो दिया है और तीन साल पहले की यथास्थिति को बहाल करने में विफल रही है। क्या यह कम से कम सरकार से अपेक्षित नहीं है? वे चीन से डेपसांग और डेमचोक पर चर्चा भी नहीं करवा सकते हैं। ओवैसी ने कहा कि सरकार सच्चाई से डरती है चाहे वह "चीन के साथ लद्दाख संकट" के गुजरात दंगों पर हो।
ओवैसी ने कहा कि, "विदेश मंत्री की धौंस और झांसा चीन के साथ सीमा संकट को हल नहीं करेगा। इसे ईमानदारी और सच्चाई को स्वीकार करने की इच्छा की आवश्यकता है। मंत्री ने आज फिर दिखाया है कि मोदी सरकार सच्चाई से डरती है, चाहे 2002 के गुजरात नरसंहार पर या फिर चीन के साथ लद्दाख संकट हो।