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DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 6 Apr 2023 2:26 pm IST


जोशीमठ में पनबिजली परियोजनाएं नहीं है भूस्खलन का कारण ,IIRS नें किया दावा


जोशीमठ में हुए भूधंसाव को लेकर चल रहे वैज्ञानिक अध्ययनों के बीच देहरादून स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (आईआईआरएस) ने दावा किया है कि पनबिजली परियोजनाएं भूस्खलन का कारण नहीं हैं। संस्थान की ओर से किए गए एक अध्ययन के बाद जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि पनबिजली परियोजनाओं की वजह से इसके आसपास के क्षेत्रों में भूस्खलन कम हुआ हैअध्ययन में देशभर की नौ परियोजनाओं को शामिल किया गया है। इसमें उत्तराखंड के धौलीगंगा नदी पर बनी जल विद्युत परियोजना भी शामिल है। आईआईआरएस की ओर से रिमोट सेंसिंग और जीआईएस प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाली चालू, निर्माणाधीन हाइड्रो परियोजनाओं में भूस्खलन अध्ययन पर रिपोर्ट तैयार की है।
संस्थान ने नौ नेशनल हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर अध्ययन किया। इसमें अरुणाचल प्रदेश में सुबनसिरी लोअर, सिक्किम में तीस्ता-5 और रंगित, जम्मू-कश्मीर में सलाल, दुलहस्ती और उरी- द्वितीय, हिमाचल प्रदेश के चमेरा-प्रथम और परबत-द्वितीय, जबकि उत्तराखंड में जोशीमठ में धौलीगंगा पर निर्माणाधीन परियोजना शामिल है।