DevBhoomi Insider Desk • Sat, 9 Apr 2022 7:00 am IST
एक नजर इधर भी : उत्तराखंड में लोकायुक्त की नियुक्ति पर बढ़ता इंतजार
देहरादून। प्रदेश में लोकायुक्त विधेयक पर 10 साल से कोई निर्णय नहीं हो पाया है। विधेयक में कई संशोधन होने के बाद अब यह विधानसभा की संपत्ति के रूप में बंद है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार के अस्तित्व में आने पर नजरें एक बार फिर लोकायुक्त पर टिक गई हैं। जिस तरह सरकार पारदर्शिता व मितव्ययता पर जोर दे रही है, उससे आमजन भी अब मजबूत लोकायुक्त विधेयक के पारित होने की उम्मीद कर रहा है। उत्तराखंड में लोकायुक्त विधेयक 2011 में पारित किया गया। इसे राष्ट्रपति से मंजूरी भी मिल गई थी। वर्ष 2012 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो नई सरकार ने इसमें अपने हिसाब से संशोधन किए। वर्ष 2017 में भाजपा सत्ता में आई तो विधेयक पर विधानसभा में चर्चा हुई। विपक्ष की सहमति के बावजूद इसे प्रवर समिति को सौंपा गया। तब से आज तक इसे सदन में दोबारा प्रस्तुत नहीं किया गया है।