वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की हर दिशा किसी न किसी देवता को समर्पित होती है. मान्यता है कि अगर उस दिशा में उनसे संबंधित वस्तुएं रखी जाएं, तो घर में सकारात्मकता का विकास होता है. आइए जानें घर की कौन-सी दिशा का संबंध किस देवता से है.
पश्चिम दिशा- पश्चिम दिशा वरुण देव को समर्पित है. इस दिशा में बाथरूम या किचन बनवाना सही रहता है. वरुण देव जल तत्व का प्रतीक हैं. पश्चिम दिशा के स्वामी शनि ग्रह हैं.
उत्तर दिशा- घर की उत्तर दिशा कुबेर देव को समर्पित है. इसे धन लाभ की दिशा माना जाता है. इस दिशा में आलमारी, तिजोरी आदि रखने की सलाह दी जाती है. इससे धन में वृद्धि होती है. उत्तर दिशा के स्वामी बुध ग्रह हैं.
दक्षिण दिशा- दक्षिण दिशा का स्वामी यमराज को माना जाता है. यह मृत्यु के देवता हैं. इस दिशा को कभी खाली नहीं रखना चाहिए. कहते हैं कि इसमें भारी सामान रखा जा सकता है. दक्षिण दिशा के स्वामी ग्रह मंगल हैं.
पूर्व दिशा- वास्तु जानकारों के अनुसार घर की पूर्व दिशा इंद्र और सूर्य देव का अधिपति मानी जाती है. मान्यता है कि इस दिशा को खाली रखना चाहिए. इतना ही नहीं, यहां पर सूर्य की रोशनी भी आनी चाहिए. सुख समृद्धि के लिए इस दिशा का ध्यान रखना जरूरी होता है. पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य ग्रह हैं.