नहाय खाय के साथ छठ पर्व का आरंभ हो चुका है। छठ का यह महापर्व पूरे चार दिनों तक चलता है।
आज कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है और 09
नवंबर 2021 को छठ का दूसरा दिन है। इसे खरना या लोहंडा के नाम से जाना जाता है।
इसके अगले दिन 10 नवंबर षष्ठी तिथि को छठ का मुख्य व्रत और पूजन किया जाएगा। छठ
में खरना का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन ही लोग छठ पूजा की सारी
तैयारियां प्रसाद आदि बनाकर रख लेते हैं। खरना के दिन ही छठ का पहला अर्घ्य दिया
जाता है और छठ का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। तो चलिए जानते हैं खरना की विधि
और अर्घ्य देने का शुभ समय।
खरना के दिन प्रथम अर्घ्य
देने का समय-
09 नवंबर को खरना किया
जाएगा और शाम के समय अस्त होते ही सूर्य को
प्रथम अर्घ्य दिया जाएगा।
09 नवंबर 2021 सूर्यास्त
समय- 17:29:59
खरना की विधि
खरना के दिन प्रातः स्नान
करने के पश्चात स्वच्छ कपड़े धारण करना चाहिए। संध्या के समय मिट्टी के नए चूल्हे
पर आम की लकड़ी से आग जलाकर, साठी के चावलों, गुड़ व दूध से खीर का प्रसाद बनाकर तैयार करना चाहिए। सूर्यनारायण और छठी
मइया की पूजा करके यह प्रसाद अर्पित करना चाहिए। नदी या सरोवर पर जाकर अस्ताचलगामी
सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। घर के सभी सदस्यों में प्रसाद वितरित करना चाहिए और
व्रत रखने वाले को स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करना चाहिए। इसके बाद से निर्जला व्रत का
आरंभ हो जाता है।