मुनस्यारी में राजमा उत्पादन में अग्रणी बौना गांव में मानसून काल में भारी बारिश के चलते फसल को नुकसान हुआ है। राजमा फसल को नुकसान होने से काश्तकार मायूस हैं। मुनस्यारी का आठ से नौ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित बौना गांव सबसे बड़ा राजमा उत्पादक गांव है। इस गांव के सभी परिवार राजमा उत्पादित करते हैं। जैविक राजमा और आलू उत्पादन से ही परिवारों की आजीविका चलती है। इस वर्ष समय से बारिश होने से राजमा की फसल की वृद्धि आशा के अनुसार चल रही थी, परंतु राजमा तैयार होने के समय जलवायु के विपरीत होने से स्थितियां उलट गई। काश्तकार बताते हैं कि राजमा की फसल जिस समय तैयार होती है उस समय बारिश की आवश्यकता नहीं होती है।
इस वर्ष अक्टूबर माह के शुरूआती दिनों तक क्षेत्र में भारी बारिश का सीधा असर राजमा की फसल पर पड़ा है। जिस कारण 50 फीसद से अधिक फसल बर्बाद हो चुकी है। राजमा की फसल सितंबर अंत से लेकर मध्य अक्टूबर तक पक कर तैयार होती है। इस अवधि में अधिक बारिश की आवश्यकता नहीं रहती है। फसल तैयार होने के लिए धूप की आवश्यकता होती है। इस वर्ष सितंबर अंतिम दिन में क्षेत्र में प्रतिदिन भारी बारिश होती रही जिसके चलते राजमा की फली नष्ट हो गई।