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• Fri, 24 Nov 2023 5:09 pm IST


गंभीर बता अल्मोड़ा-बागेश्वर से कर दिया रेफर, हल्द्वानी में हुआ सामान्य प्रसव


अल्मोड़ा। पहाड़ के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं तो बदहाल हैं ही, डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन भी जवाबदेही लेने से कतराते हैं। उन पर कोई बात न आ जाए इससे बचने के लिए वे मरीज की हालत गंभीर बताकर उन्हें सीधे हायर सेंटर रेफर कर देते हैं। वह भी बिना सुरक्षा उपकरणों के... न एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाती है और ना ही मरीज के साथ किसी अटेंडेंट को भेजा जाता है। एक बार भी नहीं सोचते कि हायर सेंटर ले जाने के दौरान मरीज की जान को खतरा हो सकता है। ताजा मामला बागेश्वर का है। यहां एक गर्भवती की हालत को गंभीर बता बड़े ऑपरेशन की जरूरत बताई गई। उसे पहले अल्मोड़ा रेफर किया गया और फिर वहां से हल्द्वानी भेज दिया गया, जहां महिला का सामान्य प्रसव हुआ। महिला को ले जाने के लिए एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं कराई गई। माल रोड बागेश्वर निवासी कविता जोशी (24) को बुधवार को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन उसे वहां के जिला अस्पताल में ले गए लेकिन सिजेरियन प्रसव के लिए वहां निश्चेतक न होने का हवाला देते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। प्रसव वेदना से जूझती गर्भवती को लेकर परिजन अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां भी चिकित्सकों ने सफेद रक्त कोशिकाओं की कमी बताकर महिला का प्रसव कराने में असमर्थता जता दी। यहां से भी महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। मजबूर होकर किसी तरह चार घंटे बाद परिजन उन्हें निजी वाहन से हल्द्वानी ले गए। वहां एक निजी अस्पताल में कुछ देर बाद ही महिला का सामान्य प्रसव हुआ। महिला ने यहां एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। परिजनों के मुताबिक जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं। उनके चेहरे पर घर में किलकारी गूंजने की खुशी तो है लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों के अस्पतालों में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की मार सहने पर आक्रोश भी है।