Read in App


• Mon, 22 Mar 2021 6:03 pm IST


लोगों ने मानी थी पीएम माेदी की अपील


हरिद्वार- राज्य में पहला कोरोना संक्रमित मामला 15 मार्च 2020 को सामने आया था। ठीक एक साल पहले कोरोना का पहला संक्रमित मिलते ही देवभूमि सहम गई। पहले से सजग सरकार ने जनता कर्फ्यू के साथ ही लॉकडाउन लगा दिया था। जिसके बाद राजधानी देहरादून सहित राज्य के सभी इलाकों में सन्नाटा पसर गया था। सड़कों पर इक्का- दुक्का लोग भी दिखाई दे रहे थे। वहीं लॉकडाउन का सबसे अधिक असर शिक्षा जगत पर पड़ा। सत्र शुरु भी नहीं हो पाया था कि स्कूल-कॉलेज बंद करने पड़े। कई लोगों के रोजगार छिन गए। कईयों का व्यापार ठप हो गया। रु़द्रप्रयाग में एक युवक ने अपने घर पर शंखनाद करने के बाद जनता कर्फ्यू का एलान किया। पूरे मौहल्ले ने युवक की इस मुहिम का साथ दिया था। ‘जनता कर्फ्यू’ के तहत उत्तराखंड रोडवेज की बसों का संचालन भी ठप था। हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर भी सुबह स्नान और पूजा के लिए लोग नहीं पहुंचे। लगभग सभी घाट खाली दिखे। सबसे ज्यादा पर्यटकों से पैक रहने वाली पहाड़ों की रानी मसूरी की सड़कें भी सुबह से ही वीरान हो गई थीं। गली मौहल्ले भी सूने दिखाई दे रहे थे। ‘जनता कर्फ्यू’ के दौरान आम जनता की सुविधा के लिए सफाई कर्मचारी सड़क पर निकले। उन्होंने शहर के मुख्य चौराहों को सैनिटाइज किया और सभी जगह साफ- सफाई भी की। इसके साथ ही लोगों को जागरूक करने का काम भी किया।