राज्य बनने के बाद अस्तित्व में आई गंगोलीहाट विधानसभा से जिस पार्टी का प्रत्याशी जीता है, सरकार उसी पार्टी की बनी है। अब तक हुए चुनावों में कांग्रेस और भाजपा बारी-बारी से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट जीतती आई है।
सरयू और रामगंगा के बीच की यह विधानसभा मतदाताओं की संख्या के लिहाज से जिले में दूसरे स्थान पर है। राज्य बनने के बाद पहले चुनाव में कांग्रेस के नारायण राम आर्य, भाजपा के जोगाराम टम्टा को मात्र 470 वोटों के अंतर से हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। 2007 में जोगाराम ने कांग्रेस के नारायण राम को 2790 मतों से हराया था। 2012 के चुनाव में भाजपा ने अपना प्रत्याशी बदलकर गीता ठाकुर को टिकट दिया। भाजपा की गीता ठाकुर, कांग्रेस के नारायण राम आर्य से 7880 वोटों से हार गईं। 2017 में कांग्रेस ने नारायण राम पर ही भरोसा जताया तो भाजपा ने चेहरा बदलते हुए मीना गंगोला पर दांव खेला था। मीना ने 805 वोटों के मामूली अंतर से यहां जीत दर्ज की। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर निर्दलीय मैदान में उतरे खजान चंद्र गुड्डू इस चुनाव में 10 हजार से अधिक वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।