श्रीनगर। आपदा के दो वर्ष बाद भी क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत और निर्माण न होने से ग्रामीण काश्तकारों को खेतों की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है, जिससे सिंचित भूमि बंजर होने के कगार पर है।अगस्त 2022 में कीर्तिनगर ब्लॉक के लोस्तु और बडियारगढ़ क्षेत्र में अतिवृष्टि से कृषि भूमि सहित पेयजल योजनाओं, सड़क, पुल सहित कई अन्य परिसंपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा था।आपदा से क्षेत्र की करीब सात नहरें और उनकी सहायक गूलें क्षतिग्रस्त होने से फसलें भी चौपट हो गई।
पल्लापटाला गांव के प्रधान कुंदन सिंह ने बताया कि आपदा के क्षेत्र की पल्लापटाला के कटला नामी तोक, बडियार, धौडंगी सहित करीब सात ग्राम पंचायतों की एक दर्जन से अधिक नहरें और गूलें क्षतिग्रस्त हैं। इससे क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है। एई मंगल सिंह का कहना है कि बडियारगढ़ क्षेत्र की करीब सात नहरों की मरम्मत और निर्माण के लिए नवार्ड में दो करोड़ का इस्टीमेट भेजा गया है। बजट मिलते ही नहरों के निर्माण और मरम्मत की प्रक्रिया शुरू किया जाएगा।