शनिवार देर शाम अपने चार दिवसीय प्रवास के बाद कालिंका देवी की डोली अपने ससुराल भटनगर के लिए विदा हुई। मायके पनाई सेरा मंदिर से विदा होते समय हजारों श्रद्धालुओं की आंखें भी नम हो गई। इससे पूर्व चार दिनों के प्रवास पर यहां श्रद्धालुओं ने देवी की पूजा अर्चना की। जागरों और भजनों से क्षेत्र गुंजायमान रहा। शनिवार को भटनगर में देवी की डोली का पारंपरिक और भव्य स्वागत किया गया।