देहरादून। कोरोनाकाल में लगातार सेवाएं देने के बाद राज्यभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लंबित मानदेय का भुगतान न होने से परेशान हैं। कई जिलों में कार्यकर्ता और सहायिका को दो महीने से मानदेय नहीं मिला है। यह हाल तब है जब बीते महीने में विभागीय राज्यमंत्री रेखा आर्य ने बैठक के दौरान अधिकारियों को इस समस्या का समाधान के निर्देश दिए थे। ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने विभागीय अधिकारियों के प्रति नाराजगी जताई है। उत्तराखंड की बात करें तो यहां 20,068 बड़े, जबकि 5140 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें तकरीबन 45 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका कार्यरत हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिका को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से मानदेय जारी होता है। इनमें कार्यकर्ताओं को तीन हजार राज्य और 4500 केंद्र सरकार से मिलता है। इसके अलावा सहायिका को 1500 और 2250 मिलता है। लेकिन बीते दो महीने से विभिन्न जिलों में कई कार्यकर्ताओं के खाते में मानदेय नहीं पहुंचा, तो कुछ के खाते में बीते अप्रैल तक का ही मानदेय आया है। ऐसे में कार्यकर्ता आर्थिक तौर पर परेशान हैं।