देहरादून। जिस नौकरशाही पर प्रदेश के विकास के आधारभूत ढांचे को सशक्त बनाने का दारोमदार है, उसे साधना सरकारों के लिए बड़ी चुनौती रहा है। इस लिहाज से देखें तो मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नौकरशाही को पटरी पर लाने के लिए कम समय में अधिक साहस जुटाया है। शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री ने अगले ही दिन मुख्य सचिव पद पर बड़ा बदलाव कर दिया। माहभर के भीतर धामी सरकार दो बार बड़े पैमाने पर नौकरशाही के पत्ते फेंट चुकी हैं। साथ ही नौकरशाही को अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमावली का पाठ पढ़ाते हुए ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए राजनीतिक दबाव न बनाने की हिदायत भी दी गई। माना जा रहा कि मुख्यमंत्री धामी आने वाले दिनों में भी नौकरशाही पर लगाम कसे रखने की कोशिश जारी रखेंगे।
युवाओं को रोजगार
युवा मुख्यमंत्री धामी ने कैबिनेट की पहली परिचयात्मक बैठक में अतिथि शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने का फैसला कर संकेत दिए कि वे युवाओं को लेकर चिंतित हैं। धामी सरकार ने विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े करीब 22 हजार पदों और बैकलाग की रिक्तयों सहित रिक्त पदों पर भर्ती का निर्णय लिया है। उपनल कर्मियों की मांगों के निदान को कैबिनेट की उपसमिति गठित की गई है तो तीन मेडिकल कालेजों में 501 पदों के सृजन को हरी झंडी दी गई है। आइएएस, पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा और एनडीए, सीडीएस की लिखित परीक्षा पास करने वाले युवाओं को तैयारी के लिए 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया है।