- वास्तुशास्त्री आचार्य राजेंद्र तिवारी बता रहें है कौन से हैं वे वास्तु उपाय
प्रत्येक वर्ष चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से हो जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 22 मार्च, बुधवार यानि आज से प्रारंभ हो गई है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ प्रमुख स्वरूपों की उपासना का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन नौ दिनों में मां भगवती की उपासना करने से सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं। साथ ही साधकों की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। बता दें कि वास्तु शास्त्र में चैत्र नवरात्रि के सन्दर्भ में कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन करने से साधक को उनकी उपासना का पूर्ण फल प्राप्त होता है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। आइए वास्तुशास्त्री आचार्य राजेंद्र तिवारी से जानते हैं, चैत्र नवरात्रि में किए जानें वाले कुछ आसान वास्तु उपाय।
वास्तु उपाय
वास्तुशास्त्री आचार्य राजेंद्र तिवारी के अनुसार वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि जिस घर के मुख्य द्वार पर 'ॐ' का चिन्ह होता है, वहां सदैव सकारात्मक उर्जा का संचार होता है। ध्यान रखें कि यह पवित्र चिन्ह केवल उत्तर या पूर्व दिशा में ही बनाएं।
वास्तुशास्त्री आचार्य राजेंद्र तिवारी के अनुसार कार्यक्षेत्र या व्यवसायिक उन्नति के लिए साधक एक लोटे में जल भरकर पूर्व या उत्तर दिशा में रख दें और उसमें पीला या लाल रंग का फुल डाल दें। माना जाता है कि ऐसा करने से नौकरी में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।
वास्तुशास्त्री आचार्य राजेंद्र तिवारी के अनुसार चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन साधक घर के मुख्य द्वार पर माता लक्ष्मी के चरणों के चिन्ह लगाएं और फिर उस पर तिलक लगाएं, प्रतिदिन उनकी पूजा करने से जीवन में आ रहीं आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं और साधकों को मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
वास्तुशास्त्री आचार्य राजेंद्र तिवारी के अनुसार चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन अखंड ज्योति को दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थापित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार का कल्याण होता है और घर के सदस्यों को धन एवं आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही साधक को सभी कार्यों में विजय का आशीर्वाद प्राप्त होता है।