अफगानिस्तान के हालात शब्दों में बयां नहीं हो सकते हैं। तालिबान के खौफ में जी रहे लोग...उड़ते हुए हवाई जहाज से नीचे गिर कर मौत के मुंह से समाते हुए लोग.... तालिबान की गोलियों का शिकार होते हुए लोग। दूर-दूर तक नजर डालें तो केवल बेकसूर लोगों की लाशें नजर आ रही हैं। अफगानिस्तान में वह सब कुछ शुरू हो चुका है जिसकी आशंका थी। काबुल एयरपोर्ट से किसी विमान में बैठ, विमान की पहिए और खिड़की पर लटककर देश छोड़ देने की जद्दोजहद करने वाले लोगों को यह भली-भांति पता है कि अगर वह अफगानिस्तान में रहे तो उनका क्या हश्र होगा। वहां की परिस्थितियां किसी नर्क से कम नहीं है। फिलहाल अफगानिस्तान के लोगों को सुरक्षित दूसरी जगहों पर भेजने का प्रयास किया जा रहा है। भारत की बात करें तो भारत भी अफगानिस्तान में मौजूद अपने नागरिकों को वापस लाने के प्रयासों में जुट चुका है।