लोहाघाट (चंपावत)। शिशुओं को पोषण से लेकर शिक्षण तक की सीख देने वाले केंद्रों का अपना आधारभूत ढांचा ठीक नहीं है। बजरंगबली वार्ड का आंगनबाड़ी केंद्र पहले जिला पंचायत के कमरों में चलने के बाद पिछले नौ साल से किराये के छोटे कमरों में चल रहा है।
डीपीओ आरपी बिष्ट ने बताया कि जिले में मिनी केंद्रों सहित कुल 681 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इन केंद्रों में छह माह से छह साल तक के करीब 19 हजार शिशुओं को पोषण से लेकर शिक्षण तक की सीख दी जाती है। अधिकतर केंद्रों के पास सुविधाओं की कमी के बीच इस जिम्मेदारी को निभाने की चुनौती है। ज्यादातर केंद्र स्कूल, जन मिलन, सामुदायिक भवन, पंचायतघर या दूसरे निजी केंद्रों में संचालित हैं।
बजरंगबली वार्ड के हाल भी ऐसे ही हैं। कार्यकर्ता अनीता जोशी ने बताया कि केंद्र में 25 बच्चे, 12 गर्भवती और सात धात्री महिलाएं हैं। बच्चों को सप्ताह में दो दिन अंडे, दो दिन दूध और दो दिन चिप्स मिलता है। वहीं गर्भवती और धात्रियों को आठ अंडे और दो पैकेट खजूर मिलते हैं। सीमित जगह में शिशुओं, गर्भवती महिलाओं और धात्रियों को पोषाहार, टीकाकरण जैसी सामान्य सुविधा देना भी चुनौती बन रहा है।