देहरादूनः उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में बजट सत्र आहूत किए जाने को लेकर राजनीतिक सियासत गरमाई हुई है. दरअसल, पिछले कुछ सालों की तरह इस साल भी पूर्णकालिक बजट सत्र गैरसैंण में आहूत होने की संभावना है. लेकिन इसी बीच न सिर्फ विपक्ष के विधायक बल्कि सत्ता पक्ष के भी अधिकांश विधायकों ने ठंड का बहाना लेकर विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजा है कि देहरादून में ही विधानसभा बजट सत्र आहूत किया जाए. इसपर नेताओं की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की भी प्रतिक्रिया सामने आई है.
गैरसैंण में कई बार विधानसभा सत्र आहूत हो चुके हैं. इसके साथ ही गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने का निर्णय तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने कार्यकाल के दौरान लिया था. गैरसैंण में विधानसभा सत्र की कार्यवाही के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार मार्च 2020 को गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था. साथ ही गैरसैंण में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने को लेकर 200 करोड़ रुपए का प्रावधान अगले 10 सालों के लिये किया था. साथ ही हर साल विधानसभा बजट सत्र गैरसैंण में आहूत करने का निर्णय लिया था. उसके बाद लगभग हर साल बजट सत्र गैरसैंण में आहूत होता आ रहा है.
लेकिन अब गैरसैंण में विधानसभा बजट सत्र आहूत होने की संभावना के बीच पहाड़ के लगभग तमाम विधायक ही बहानेबाजी करने लग गए हैं. बहाना गैरसैंण में बहुत ठंड का दिया जा रहा है. वहीं, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि सत्र आहूत करने के लिए सरकार के विधानमंडल दल को फैसला करना है. लेकिन उनका मानना है कि गैरसैंण में सत्र होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर पहाड़ के विधायक पहाड़ के बारे में नहीं सोचेंगे तो फिर पहाड़ का विकास नहीं हो पाएगा.