महिलाओं को भूमि का सहखातेदार बनाने की मांग पाखी गांव की विशेश्वरी देवी ने वर्ष 2008 में कृषि मंत्री रहे सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के समक्ष उठाई थी। विशेश्वरी देवी की यह मांग 12 साल बाद अब जाकर धरातल पर उतरी है। शनिवार को भूमि का सहखातेदार बनाने पर महिलाओं ने मिठाइयां बांटकर खुशी जताई। जोशीमठ ब्लॉक के पाखी गांव की विशेश्वरी देवी ने कहा कि वर्ष 2008 में कृषि मंत्री रहते हुए सीएम त्रिवेंद्र रावत जिले के दौरे पर थे और पाखी गांव में महिला समूह की गोष्ठी में पहुंचे थे। इस दौरान उनके सम्मुख यह प्रस्ताव रखा गया था कि खेतों में महिलाएं हाड़ तोड़ की मेहनत करती हैं, लेकिन अधिकांश पुरुष बिना उन्हें बताए अपनी भूमि को बेच देते हैं। महिलाओं को भूमि के एवज में बैंक ऋण लेने तक का अधिकार नहीं है। लिहाजा महिलाओं को भी भूमि का सहखातेदार बनाया जाए, जिस पर सीएम ने अमल करने का आश्वासन दिया था। आज महिलाओं को उनका हक मिल गया है, जिससे आज राज्य की महिलाएं आत्मनिर्भर हो गई हैं। वहीं भाजपा महिला मोर्चे की जिलाध्यक्ष चंद्रकला तिवारी और नगर महामंत्री कलावती पाठक ने कहा कि सरकार के निर्णय से मातृशक्ति में उत्साह का माहौल है।