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DevBhoomi Insider Desk
• Sat, 16 Jul 2022 11:30 am IST


चंपावत से चौंकाने वाले आंकड़े ! तीन साल में नष्ट हुए 33 प्रतिशत पौधे


चंपावत : हरेला पर्व पर शनिवार को चंपावत जिले में 50000 से अधिक पौधों को लगाने का लक्ष्य रखा गया है लेकिन पूर्व के अनुभव और आंकड़े बताते हैं कि पौधों को लगाना जितना आसान है, उतना ही कठिन उन्हें बचाना है। वन विभाग की ओर से पिछले तीन वर्षों में लगाए गए पौधों में से औसतन तीन में से एक पौधा अकाल मौत का शिकार बन रहा है। पौधों को नुकसान की बड़ी वजह देखरेख की कमी और जानवर भी हैं जो इन पौधों को चट कर देते हैं क्योंकि इन पौधों की घेरबाड़ नहीं की होती है।चंपावत वन प्रभाग के छह रेंजों में 65980.12 हेक्टेयर आरक्षित, 34375.95 पंचायती, 22815.70 हेक्टेयर सिविल वन हैं। वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2019-20 से 2021-22 तक 1640.59 हेक्टेयर वन भूमि पर 14.27 लाख पौधे लगाए गए। इन्हें रोपने में 1.31 करोड़ रुपये का खर्च आया लेकिन इनमें से 4.80 लाख पौधे (करीब 33.67 प्रतिशत) नष्ट हो गए। देखरेख की कमी समेत कई कारणों से इन पौधों की अकाल मौत हो गई। सामान्य रूप से दो पौधों के बीच में दो मीटर का फासला रखा जाता है।