हिंदुओं के पवित्र धार्मिक स्थल बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए आज 3 बजकर 35 पर बंद हो जाएंगे. जिसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. मंदिर को सुंदर तरीके से रंग बिरंगे फूलों से सजाया गया है. कपाट बंद होने से पहले हजारों श्रद्धालु बदरीनाथ धाम पहुंचे हैं, जो कपाट बंद होने की धार्मिक प्रक्रिया के साक्षात गवाह बनेंगे.बदरीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल के मुताबिक कपाट बंद होने से पहले ही भगवान बदरी विशाल को ऊनी घृत कंबल ओढ़ाया जाएगा. यह ऊनी घृत कंबल माणा गांव की महिला मंगल दल की महिलाओं ने तैयार किया है, जिसे घी में भिगोकर तैयार किया गया है.इस घृत कंबल को मंदिर के मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी भगवान को अर्पित करेंगे. इससे पहले शनिवार को रावल यानी मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी स्त्री का वेश धारण कर माता लक्ष्मी की प्रतिमा को बदरीनाथ धाम के गर्भ गृह में प्रतिष्ठापित करेंगे और उद्धव और कुबेर जी की प्रतिमा को मंदिर परिसर में लाया जाएगा. बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही उत्तराखंड में स्थित गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की यात्रा भी आज संपन्न होगी.