ऐसे में कई बार प्रेग्नेंट महिलाएं जामुन के सेवन को लेकर काफी कंफ्यूजन में रहती हैं कि उसका सेवन करें या न करें। दरअसल, जामुन को लेकर एक बात काफी प्रचलित है कि उसे खाने से होने वाले बच्चे का रंग भी जामुन की तरह काला हो जाता है। इस बात में कितनी सच्चाई है आइए जानते हैं न्यूट्रिशनिस्ट और वैलनेस एक्सपर्ट वरुण कत्याल से-
न्यूट्रिशनिस्ट और वैलनेस एक्सपर्ट वरुण कत्याल कहते हैं कि जामुन में प्रचूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होने के साथ कई तरह के पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं, जो भ्रूण को सुरक्षा प्रदान करने और उसके विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। प्रेग्नेंसी में जामुन खाने से भ्रूण का रंग काला होता है इस तथ्य का कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। इसके विपरीत जामुन में कई ऐसे एंटीऑक्सिडेंट मौजूद होते हैं जो भ्रूण के विकास के लिए फायदेमंद होते हैं। जामुन में कैल्शियम, विटामिन सी, लोहा, पोटेशियम और एंटीऑक्सिडेंट की अच्छी मात्रा मौजूद होती है। ये विटामिन और खनिज हड्डियों को मजबूत बनाकर आपकी इम्यूनिटी को भी बूस्ट करने का काम करते हैं। चूंकि जामुन प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है, इसलिए आपका शरीर संक्रमण और बीमारियों से सुरक्षित रहता है। इसके सेवन से आरबीसी (लाल रक्त कोशिका) की संख्या भी बढ़ जाती है, जिससे एनीमिया जैसी बीमारियों से बचाव होता है।