बागेश्वर। एक ओर जंगल में आग की बढ़ती घटनाओं को काबू करने की चुनौती और दूसरी ओर कर्मचारियों की कमी। जिले का वन विभाग आधी क्षमता के साथ वनों की सुरक्षा में लगा है। विभाग में वन दरोगाओं के स्वीकृत 62 पदों में से 31 पद खाली हैं। वनरक्षकों के भी स्वीकृत 67 पदों में से 18 पद खाली होने से विभागीय कार्य प्रभावित हो रहा है।इस साल मौसम की मेहरबानी से मार्च से मई तक जंगल में आग की मात्र 19 घटनाएं हुईं। हालांकि जून में बेमौसमी बारिश का जोर घटा तो जंगलों के जलने का सिलसिला तेज हो गया और महीने के शुरुआती दस दिनों में ही आग की 22 घटनाएं दर्ज हो गईं। जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग की टीम काम तो कर रही है लेकिन वनों की सुरक्षा में कर्मचारियों की कमी भी आड़े आ रही है। जंगलों को आग से बचाने के लिए वन दरोगा और वनरक्षक का प्रमुख योगदान रहता है लेकिन जिले में वन दरोगाओं के जहां आधे पद खाली हैं, वहीं वनरक्षकों के स्वीकृत 67 पदों में से 49 कर्मचारी ही तैनात हैं। वनरक्षकों के 18 पद रिक्त हैं।