सोमवार, 19 दिसंबर को पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है, इसे सफला एकादशी कहते हैं। सोमवार और एकादशी का योग होने से इस दिन विष्णु जी के साथ ही महादेव और चंद्रदेव की पूजा करने का शुभ योग है। धर्माचार्यों के अनुसार सालभर की सभी एकादशियों पर किए गए व्रत-उपवास से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और कार्यों में सफलता मिलती है। सोमवार को सफला एकादशी है, ये मुश्किल कामों को सफल बनाने वाला व्रत है।
ऐसे करें सफला एकादशी व्रत
सोमवार को सुबह जल्दी उठें और दोनों हथेलियों को देखकर विष्णु जी का ध्यान करें। स्नान के बाद सूर्य को तांबे के लोटे से जल चढ़ाते समय ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप करें। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद घर के मंदिर में भगवान विष्णु के सामने व्रत और पूजा करने का संकल्प लें। गणेश पूजन के बाद विष्णु जी के साथ ही महालक्ष्मी की पूजा करें। पूजा में दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करें। भगवान विष्णु की प्रतिमा को रेशमी पीले और महालक्ष्मी रेशमी लाल वस्त्र पहनाएं। फूलों से श्रृंगार करें। अन्य पूजन सामग्री चढ़ाएं। तुलसी के साथ मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। पूजा में ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। धन संबंधी कामों में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। वैवाहिक जीवन सुखी रहता है।
शिव जी की पूजा से दूर होती हैं बुराइयां
जो लोग शिव जी की पूजा करते हैं, उनकी लालच, मोह, अहंकार, अज्ञान, झूठ बोलना, नशा करना जैसी बुराइयां दूर होती हैं। शिव पूजा से मन बुरी बातों की ओर भटकता नहीं है। अगर विधिवत पूजा नहीं कर पा रहे हैं तो शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और बिल्व पत्र अर्पित करें। दीपक जलाकर ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें।
चंद्र की पूजा से मन होता है शांत
चंद्र देव को मन का कारक ग्रह माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में चंद्र ग्रह स्थिति ठीक नहीं है, उनका मन अशांत रहता है। इन लोगों को हर सोमवार शिव जी मस्तक पर स्थित चंद्र की पूजा करनी चाहिए। शिवलिंग पर चांदी के लोटे से दूध चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से चंद्र ग्रह के दोष दूर होते हैं और मन की अशांति दूर होती है।