लखनऊ: शिक्षक दिवस पर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लोक भवन में बोर्ड के टॉपर्स के आठ प्रधानाचार्यों को सम्मानित किया। इसके अलावा बेसिक शिक्षा विभाग के 75 शिक्षकों को भी 'राज्य अध्यापक' पुरस्कार दिया। इस मौके पर उन्होंने माध्यमिक शिक्षा विभाग के पांच पोर्टल लॉन्च किया और 14 इंटर कॉलेज का शिलान्यास भी किया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पांच सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती होती है, जिसे हम शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं। शिक्षा आधुनिक भारत के निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। दुनिया जब कोरोना के संकट में थी तो भारत राष्ट्रीय शिक्षा नीति कार्यक्रम को शुरू कर रहा था। जो भी शिक्षा के जगत में कार्य हो रहे हैं, उनसे ये कहा जा सकता है भारत ‘विश्वगुरु’ बनने की ओर आगे बढ़ रहा है।
सीएम योगी ने मीडिया को भी दी
सलाह
सीएम योगी ने कहा कि पिछले पांच साल में बेसिक और माध्यमिक द्वारा किए गए काम
आपके सामने हैं। हमने जब प्रदेश में शासन संभाला तो बेसिक स्कूल
बंद होने के कागार पर थे। गंदगी का अंबार होता था। उन्होंने बेसिक शिक्षा परिषद
में एक लाख 26 हजार भर्तियां और माध्यमिक में 40 हजार भर्तियां
हुईं। स्कूल चलो अभियान के परिणाम सामने आए। जब पूरी दुनिया कोरोना में त्रस्त थी
तो हमने तकनीकी के प्रयोग को शुरू किया और शिक्षा को पटरी पर लाए। ‘स्कूल चलो’ अभियान आज वर्ष 2016 की तुलना में एक
कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
सूबे के मुखिया ने कहा कि हमने पांच साल में बहुत काम किए, लेकिन अभी बहुत कुछ करना है। हमने नियुक्तियों में एक नई व्यवस्था शुरू की। भर्ती होने वाले को ये नहीं पता होता कि उसकी तैनाती कहां होगी। न मंत्री को पता होगा और ना ही अधिकारी को पता होगा। 100 ब्लॉकों का चयन हमने किया है, जो समाज में पीछे हैं। उन्हें मुख्यधारा में लाना है। इस दौरान उन्होंने कहा कि मीडिया में जो चीजें आती हैं, उनमें से कुछ अच्छी भी होती हैं और कुछ निगेटिव होती हैं। इसमें भी देखने का दृष्टिकोण होता है जैसे- बच्चों के झाड़ू लगाने की खबरें। अगर अध्यापक भी साथ में झाड़ू लगाए तो क्या बुरा है और अपना काम करने में बुराई क्या है।
सीएम ने इन पोर्टल का किया शुभारंभ
पहुंच: इस पोर्टल को प्रदेश के स्कूलों की मैपिंग के
लिए विकसित किया गया है। इससे प्रदेश में कौन से स्कूल कहां स्थित हैं, शहर के नजदीक
कितने स्कूल हैं। नया स्कूल बनाने के लिए कौन सी जगह ठीक रहेगी आदि की जानकारी
पोर्टल में है। इससे माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की व्यवस्था और अधिक पारदर्शी
होगी।
पंख: इसे विद्यार्थियों के करियर गाइडेन्स के लिए विकसित
किया गया है। इसके माध्यमसे 10वीं और 12वीं की परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद
विद्यार्थी अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए किस विकल्प को चुनें, इसकी जानकारी
पोर्टल पर होगी। इसके अलावा विद्यार्थी कॉलेज, कौशल विकास कार्यक्रम, छात्रवृत्ति, इन्टर्नशिप और
शिक्षा के विषय में उपलब्ध विकल्पों के बारे में बेहतर सलाह ले सकेंगे।
प्रज्ञान: छात्रों को पठन-पाठन की सामग्री उपलब्ध कराने
के उद्देश्य से ई-लाइब्रेरी पोर्टल और ऐप प्रज्ञान को बनाया गया है। पोर्टल पर
ई-पुस्तकों के विशाल संग्रह के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं, एनआईसी
ई-ग्रन्थालय, उद्यमिता व स्टार्टअप एवं यूपी
लाइब्रेरी नेटवर्क की जानकारी उपलब्ध है।
परख: इसके जरिए किस राजकीय विद्यालय में क्या संसाधन
हैं और विद्यालयों में हो रही गतिविधियों की जानकारी, पर्यवेक्षण एवं
निरीक्षण जानकारी मिल सकेगी। पोर्टल से प्रदेश में संचालित 2,357 राजकीय
विद्यालयों में निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षण कार्य की प्रगति, शिक्षक एवं
शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की उपस्थिति और भौतिक संसाधनों की उपलब्धता का ऑनलाइन
अनुश्रवण सम्भव होगा। विद्यालयों के प्रदर्शन के मानक भी विकसित किए गए हैं, जिनके आधार पर प्रत्येक राजकीय विद्यालय की श्रेणी
निर्धारित होगी।
पहचान: यूपी बोर्ड द्वारा 20,941 स्ववित्त पोषित मान्यता प्राप्त, 4,512 सहायता प्राप्त और 2,357 राजकीय विद्यालयों की जानकारी के लिए हर विद्यालय का वेब पेज बनाया गया है, जो कि यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इस पर जन-सामान्य और अभिभावकों के लिए विद्यालय में छात्र पंजीकरण, सुविधाएं, स्टाफ विवरण, विविध क्षेत्रों में प्रदर्शन, विशिष्ट उपलब्धि और परीक्षा परिणाम इत्यादि की जानकारी मौजूद है।
वोकेशनल ट्रेनिंग के लिए साइन किया गया MOU
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष माध्यमिक शिक्षा
विभाग और उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के बीच एक एमओयू साइन किया जाएगा। माध्यमिक
शिक्षा निदेशक डॉ. सरिता तिवारी और कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक आन्द्रा वामसी
मौजूद रहे। इसके जरिए राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों को वोकेशनल ट्रेनिंग और
जॉब रेडी स्किल के लिए तैयार किया जाएगा।