देहरादून: दुनिया में आज की तारीख में फिजिकल हेल्थ से ज्यादा मानसिक स्वास्थ्य लोगों की ज्यादा बड़ी चिंता बन रहा है. मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्याओं पर शोध करने वाले मानक वर्ल्डोमीटर के अनुसार इस साल 2024 में अब तक 4 लाख 50 हजार सुसाइड हो चुके हैं. हर दिन औसतन 1573 लोग सुसाइड कर रहे हैं. साल 2019 के एक डाटा के अनुसार हर साल होने वाले सुसाइड में 22.6% सुसाइड खुद के कर्म से और 76% सुसाइड पारिवारिक उत्पीड़न की वजह से हुए हैं. भारत में यदि बात करें तो सुसाइड के आंकड़ों में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और कर्नाटक टॉप 4 राज्यों में से हैं. इन राज्यों में आत्महत्या के मामले ज्यादा देखने को मिले हैं
करियर, प्रेम संबंध, नशा, सोशल मीडिया युवाओं को दे रहे तनाव: युवाओं में खासतौर से डिप्रेशन, अवसाद के कारणों को जानने की हमने कोशिश की. कई युवाओं से भी हमने बातचीत की. युवाओं से बातचीत करने पर ये बात निकलकर सामने आयी कि मानसिक दबाव में करियर का प्रेशर, युवाओं में प्रेम संबंध, नशा, ड्रग एडिक्शन और सोशल मीडिया के एडिक्शन की वजह से लोग अक्सर मानसिक दबाव में चले जा रहे हैं. इसकी वजह से लगातार युवाओं में डिप्रेशन बढ़ रहा है.