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• Sat, 13 Jul 2024 12:35 pm IST


आशियाना उजड़ता देख बिलख उठे लोग ,बोले : गरीब होना सबसे बड़ा अभिशाप है


रुद्रपुर में नेशनल हाईवे किनारे स्थित 45 परिवारों वाले क्षेत्र में स्थित घर मलबे के ढेर में बदल गए हैं। जो घर छूट गए हैं, उनका नंबर भी आना तय है। मलबे के बीच सामानों को निकालते लोग हताश हैं। महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चों के आंखों में आंसू हैं। गरीब होना ही हमारे लिए सबसे बड़ा अभिशाप है। इस सिस्टम में गरीबों की कोई नहीं सुनता है। जब गलत थे, तो हमे इंदिरा, निर्बल वर्ग आवास क्यों आवंटित किए गए। उनको घर से सामान तक नहीं निकालने दिया गया और अपराधियों सा सलूक किया गया। पूरी रात बच्चों के साथ गर्मी, बारिश में बिना बिजली के भूखे प्यासे रहकर काटी है। यह दर्द है भगवानपुर कोलड़िया के ग्रामीणों का।नेशनल हाईवे किनारे स्थित 45 परिवारों वाले क्षेत्र में स्थित घर मलबे के ढेर में बदल गए हैं। जो घर छूट गए हैं, उनका नंबर भी आना तय है। मलबे के बीच सामानों को निकालते लोग हताश हैं। महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चों के आंखों में आंसू के साथ ही भविष्य को लेकर चिंताएं हैं। गांव में मौजूद जयप्रकाश तोड़े गए इंदिरा आवासों को दिखाते हुए कहते हैं कि यूपी और उत्तराखंड के समय 20 से ज्यादा परिवारों को सरकारी योजनाओं के तहत आवास दिए गए। अब इन आवासों को अवैध बताकर तोड़ दिए गए। मेहनत मजदूरी करने वाले लोगों ने खूब पसीना बहाकर आशियाने बनाए, जो उजाड़ दिए गए। वे क्या करें, कहां जाएं, समझ नहीं आता है। इसी बीच ग्रामीण शंभूनाथ 1989-90 में पिता को मिले आवास आवंटन पत्र दिखाते हुए कहते हैं कि या तो तब के अफसर गलत थे या फिर अब अफसरों ने गलत किया है।