हरिद्वार। इण्डियन रेड क्रास के तत्वावधान में शनिवार को विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस पर ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के सभागार में प्राथमिक उपचार एवं सडक सुरक्षा (प्रथम उपचार और सड़क सुरक्षा ) विषय पर कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यशाला में रेड क्रास सचिव डा0 नरेश चौधरी ने कहा कि विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस प्रत्येक वर्ष सितम्बर माह के द्वितीय शनिवार को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की शुरूआत इण्टरनेशनल फेडरेशन आफ रेड क्रास (आइएफआरएस) एवं रेड क्रिसेेट सोसाइटी ने वर्ष 2000 में की थी।
इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है कि लोगों को अधिक से अधिक प्राथमिक उपचार के बारे में जागरूक करना ताकि आए दिन होने वाले हादसे, सडक दुर्घटना अथवा अचानक चोट लग जाना, अधिक खून बहने पर घायल को किस प्रकार लाभ पहुचाया जा सकता है इसके लिये प्राथमिक चिकित्सा की जरूरत पडती है अतः प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान समाज के प्रत्येक नागरिक को होना चाहिए। जिससे समय रहते हुए प्राथमिक उपचार देने के उपरान्त किसी घायल का बहुमूल्य जीवन बचाया जा सके। डा0 नरेश चैधरी ने प्रतिभागियों को डेमो देते हुए प्राथमिक उपचार के विशेष गुर सिखाए यदि किसी को अचानक हृदयाघात हो जाए तो उसको समय गवाएं बिना तुरन्त सी0पी0आर0 हृदय धमनी को पुनः चालु करना देकर प्राथमिक उपचार करना चाहिए साथ ही कृत्रिम श्वास देनें की जरूरत पडती है तो उसको भी तुरन्त देकर घायल व्यक्ति की यथासम्भव सहायता करनी चाहिए। डा0 चैधरी ने कहा कि काफी लोग प्राथमिक उपचार समय से नहीं मिलने के कारण दम तोड देते है ऐसा अक्सर तब होता है जब शरीर से अधिक खून बहने लगे अथवा किसी अचानक हुए हादसे के कारण कोई गम्भीर अस्वस्थय हो जाये तो उस व्यक्ति का तुरन्त प्राथमिक उपचार देकर जीवन बचाया जा सकता है। सडक दुर्घटना में सर्वाधिक मौत होने के कारण वर्ष 2021 का थीम’’प्राथमिक उपचार एवं सडक सुरक्षा’’रखा गया। प्राथमिक उपचार दिवस मनाना तभी सार्थक होगा जब हम सब मिलकर वर्ष भर जनसमाज को प्राथमिक उपचार एवं सडक सुरक्षा के प्रति जागरूक करते रहें।
डा0 भावना जोशी ने घायल को अस्पताल पहुचाने में क्या क्या करना है,कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को अवगत कराया। डा0 पंकज सिंह, डा0 रोहित रावत एवं डा0 विपिन नोटियाल ने मानव स्ट्रेचर बनाने का डेमो दिखाकर जरूरी जानकारियां दी।