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इस साल का अंतिम विवाह मुहूर्त आज है। इसके बाद चार महीने तक विवाह का कोई महूरत नहीं है। 15 दिसंबर से खरमास शुरू होने के बाद शुभ कार्य बंद हो जाएंगे। अगले साल भी विवाह का महूर्त आधा अप्रैल गुजरने के बाद ही होगी। जनवरी 2021 से मार्च 2021 तक नहीं है कोई विवाह का मुहूर्त। नए साल में 22 अप्रैल से शुभ मुहूर्तों की शुरुआत होगी।
ज्योतिषाचार्य पं. गणेश प्रसाद मिश्र के अनुसार 2021 में विवाह के लिए 50 दिन ही रहेंगे। बृहस्पति और शुक्र ग्रह के कारण साल के शुरुआती महीनों में विवाह नहीं सकेंगे। मकर संक्रांति के बाद 19 जनवरी से 16 फरवरी तक गुरु अस्त रहेगा। फिर 16 फरवरी से ही शुक्र 17 अप्रैल तक अस्त रहेगा। इस कारण विवाह का पहला मुहूर्त 22 अप्रैल को है। इसके बाद देव शयन से पहले यानी 15 जुलाई तक 37 दिन विवाह के मुहूर्त हैं। वहीं, 15 नवंबर को देव उठनी एकादशी से 13 दिसंबर तक विवाह के लिए 13 दिन मिलेंगे।
इस बार वसंत पंचमी पर नहीं हो सकेंगी शादियां
16 फरवरी को वसंत पंचमी है। इसे भी विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त माना जाता है, लेकिन इस दिन सूर्योदय के साथ ही शुक्र अस्त हो जाएगा। इस कारण पंचांगों में इसे विवाह मुहूर्त में नहीं गिना गया है। हालांकि लोक परंपरा के चलते उत्तराखंड सहित देश के कई हिस्सों में वसंत पंचमी पर विवाह होते हैं।
शादियों के लिए मिलेंगे अबूझ मुहूर्त
देव प्रबोधिनी एकादशी पर तुलसी शालिग्राम विवाह की परंपरा है, इसलिए इस दिन को विवाह के लिए शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किया गया विवाह कभी नहीं टूटता और दांपत्य सुख भी हमेशा बना रहता है। इसके अलावा अक्षय तृतीया और वसंत पंचमी को भी अबूझ मुहूर्त मानते हुए शादियां की जाती हैं इस साल जनवरी से मार्च तक होली से पहले 19 दिन मुहूर्त थे। फिर 15 मार्च से खरमास शुरू हो गया, इसके बाद कोरोना के चलते लॉकडाउन में अप्रैल से जून तक 23 मुहूर्त निकल गए। फिर चतुर्मास के दौरान जुलाई से 24 नवंबर तक विवाह नहीं हो पाए। देव उठनी एकादशी से 11 दिसंबर तक सात दिन ही विवाह के लिए मिले।
2021 में है केवल ३३ शुभ महूर्त
ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि 2021 में सर्व शुभ मुहूर्त की बात करें तो यह केवल 33 हैं। हालांकि वर और कन्या की कुंडली के हिसाब से अन्य 17 शुभ मुहूर्त भी मिलेंगे। उन्होंने बताया कि एक से 14 जनवरी तक खरमास, 17 जनवरी से गुरु और शुक्र के कारण बाल-वृद्ध दोष के चलते शुभ मुहूर्त नहीं मिल रहे हैं। इसके बाद 20 जुलाई से 14 नवंबर तक चतुर्मास रहेगा तो इस दौरान भी शुभ कार्य नहीं होंगे। इसके बाद 15 दिसंबर से खरमास शुरू हो जाएगा जो 31 दिसंबर तक रहेगा।