बेंगलुरु: कोविड महामारी के चलते कई मुद्दों का खुलासा हुआ जिनमें से एक यह अहसास भी था कि कलाकार भी 'अनिश्चित आजीविका' की श्रेणी में आते हैं। यह महसूस करते हुए कि यदि यही स्थिति जारी रही तो यह युवा पीढ़ी को शास्त्रीय संगीत से दूर कर देगी, 2021 में ‘कर्नाटक क्लासिकल म्युजिक कन्फेडरेशन ट्रस्ट’ (केसीएमसी) का गठन किया गया। वीणा वादक प्रशांत अयंगर ने कहा कि ट्रस्ट के 250 पंजीकृत सदस्य हैं। अयंगर केसीएमसी के सचिव भी हैं। वायलिन वादक एवं केसीएमसी की संयुक्त सचिव ज्योत्सना श्रीकांत ने कहा, ‘यहां तक कि स्थापित संगीतज्ञों को भी कोई काम नहीं आने के कारण संघर्ष करना पड़ा। इसके मद्देनजर हममें से कुछ, संगीतज्ञों को काम दिए जाने के तरीके में पारदर्शिता लाने के लिए एक साथ आए। भाई-भतीजावाद चीजों को बदतर बना रहा है।’ श्रीकांत के अनुसार, विविधता और समावेशिता को प्रोत्साहित करने से भाई-भतीजावाद का मुकाबला करने में मदद मिल सकती है। श्रीकांत मूल रूप से बेंगलुरु की रहने वाली हैं लेकिन अब लंदन में रहती हैं। उन्होंने कहा कि उनके विदेश जाने से उन्हें एहसास हुआ कि थोड़ी विविधता भी संगीत के लिए क्या कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘मेरे एल्बम, विशेष रूप से ‘कर्नाटिक कनेक्शन’, जिसके लिए मैंने 11-सदस्यीय बॉलीवुड ब्रास बैंड (लंदन स्थित एक ब्रास बैंड जो बॉलीवुड और पारंपरिक भारतीय संगीत बजाता है) के साथ सहयोग किया था, वह इस तथ्य की गवाही देते हैं कि विविधता कर्नाटक संगीत के नए और रोमांचक शैली बना सकती है।’ उन्होंने कहा, ‘हमें लिंग, जाति और धर्म पर विचार किये बिना विविध पृष्ठभूमि के कलाकारों को अवसर प्रदान करने की आवश्यकता है।’ अयंगर ने कहा कि केसीएमसी ने समाधान की तलाश में, 29 अप्रैल को बेंगलुरु में संगीतज्ञों के लिए एक बैठक आयोजित की थी। अयंगर ने कहा कि गैर-सदस्यों सहित लगभग 100 संगीतज्ञों ने बैठक में भाग लिया और उनके सामने आने वाली समस्याओं पर चर्चा की। इस अवसर पर, केसीएमसी के न्यासियों ने कर्नाटक संगीत के विकास के लिए अनुकूल वातावरण स्थापित करने के लिए एक गाइडबुक जारी की। अयंगर ने कहा, ‘हम कर्नाटक में सभी सभाओं को गाइडबुक वितरित करने की योजना बना रहे हैं। बेशक, हम उन्हें सुझावों को लागू करने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। हम केवल यह आशा कर सकते हैं कि जो हम कह रहे हैं उसमें वे सच्चाई देखेंगे। हम सभी चाहते हैं कि कर्नाटक संगीत फले-फूले और लोगों को समृद्ध करे।’ अयंगर ने कहा कि बैठक में संगीतज्ञों ने इस पर सहमति व्यक्त की कि कर्नाटक में स्थानीय संगीतज्ञों के लिए 80 प्रतिशत आरक्षण समय की आवश्यकता है। अयंगर ने कहा, ‘हमने अपने सभी प्रस्तावों को एकसाथ रखते हुए एक ज्ञापन तैयार किया है कि हम इसे गाइडबुक के साथ सभाओं को भेजेंगे।’